चंडीगढ़ , 11 अप्रैल- हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि आज का किसान सड़कों पर नहीं, खेतों में चुपचाप अपने खेती की क्रांति कर रहा है। नवाचार, तकनीक और बाजार की समझ के साथ यह नई पीढ़ी खेती को नए मुकाम तक ले जा रही है।
ये विचार कृषि मंत्री ने नई दिल्ली में आयोजित “किसान महाकुंभ 2025” में अपने संबोधन के दौरान व्यक्त किए। श्री राणा ने पुरस्कार विजेता और प्रगतिशील किसानों को संबोधित करते हुए देश के युवा किसानों को भारत की कृषि क्रांति के असली नायक बताया। उन्होंने कहा कि यह धारणा गलत है कि सभी युवा खेती छोड़ रहे हैं। उन्होंने सामने बैठे किसानों की ओर इशारा करते हुए कहा कि ये युवा किसान सड़क पर नहीं दिखते, लेकिन खेत से लेकर ब्रांडिंग तक की पूरी वैल्यू चेन को समझते हैं और उसमें निपुणता दिखा रहे हैं। उन्होंने इस आशंका को भी नकारा कि यह किसानों की आखिरी पीढ़ी है। उन्होंने कहा कि ये आखिरी नहीं, बल्कि नए युग की पहली पीढ़ी है। नवाचार, वैल्यू एडिशन और ब्रांडिंग ही भविष्य के किसान के हथियार हैं और यह युवा पीढ़ी इन सभी हथियारों का आधुनिक तकनीक के साथ प्रयोग करना अच्छी तरह से जानती है।
कृषि मंत्री ने मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में हरियाणा सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए बताया कि हरियाणा देश का पहला राज्य बन गया है जहां 24 फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर की जा रही है। उन्होंने इसे किसानों के श्रम और सम्मान को समर्पित नीति बताया।
उन्होंने वित्त वर्ष 2025-26 में कृषि बजट में 19.2% की बढ़ोतरी, बागवानी बजट में 95.5% और मत्स्य पालन क्षेत्र में 144.4% की वृद्धि को सरकार की कृषि समर्पित सोच का प्रमाण बताया।
श्री श्याम सिंह राणा ने बताया कि फलों और सब्जियों को खराब होने से रोकने और उचित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए राज्यभर में 140 पैक हाउस और कलेक्शन सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार चाहती है कि किसी किसान की उपज बर्बाद न हो और हर किसान को उसका उचित मूल्य मिले।
उन्होंने जलवायु, क्षेत्र और जोत के आकार के अनुसार कृषि के स्थानीय मॉडल विकसित करने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि एक जैसे मॉडल सभी पर लागू नहीं होते। छोटे किसानों के लिए विशिष्ट और व्यावहारिक समाधान जरूरी हैं। उन्होंने कहा और नाबार्ड व बैंकों से ऐसे मॉडलों को आर्थिक समर्थन देने की अपील भी की है।
कृषि मंत्री ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की भी बात कही और इसे मृदा, जल संरक्षण और पर्यावरणीय संतुलन के लिए आवश्यक बताया। उन्होंने बताया कि इस वर्ष बजट में हरियाणा में 1 लाख एकड़ में प्राकृतिक खेती का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने दिल्ली में आयोजित इस “किसान महाकुंभ” को एक प्रेरणास्रोत बताते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम अन्य राज्यों और विशेषकर हरियाणा में भी आयोजित किए जाएं। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन भारतीय किसान की प्रगति, गर्व और उद्देश्य का प्रतीक बनकर याद हमेशा याद रहेगा।