भारत-बांग्लादेश की सीमा पर मवेशियों और मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने में जुटे सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के पास अब एक दूसरी प्रतिरोधक क्षमता भी होगी जिसे 60,000 से अधिक औषधीय पौधों की एक मोटी बाड़ और 40 ‘मधुमक्खी बॉक्स’ (मधुमक्खी पेटिका) के जरिये तैयार किया जा रहा है।
पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित तीन किलोमीटर लंबी बाड़युक्त सीमा के पास से सटे क्षेत्रों में यह दूसरी प्रतिरोधक पंक्ति तैयार की जाएगी। ‘बाड़ पर मधुमक्खी का छत्ता’ (बीहाइव्स ऑन द फेंस) को पिछले साल नवंबर में केंद्र सरकार के ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ के हिस्से के रूप में शुरू किया गया था।
अधिकारियों के अनुसार, इसका उद्देश्य न केवल सीमा पार से संचालित अपराधों को रोकना है बल्कि मधुमक्खी पालन और बागवानी के माध्यम से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार का सृजन करना भी है। आयुष विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि फूल वाले पौधे मधुमक्खियों के परागण के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र भी बनाएंगे।
अधिकारी ने नाम का खुलासा नहीं करने का अनुरोध करते हुए कहा, ‘‘सीमा के पास के इस हिस्से को ‘आरोग्य पथ’ नाम दिया गया है और जगह-जगह ‘क्यूआर कोड’ चस्पा किये गए हैं जिन्हें स्कैन करने पर पौधों के बारे में विवरण मिलेगा।’’ उन्होंने कहा कि ‘पथ’ एक महत्व नर्सरी के रूप में दोगुना हो जाता है।