उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ज्ञानवापी को लेकर एक बड़ा और अहम बयान दिया है, जिसकी काफी चर्चा हो रही है। उन्होंने कहा, “ज्ञानवापी साक्षात भगवान विश्वनाथ ही हैं, और इसे मस्जिद कहे जाने की कोशिश करना दुर्भाग्यपूर्ण है।” CM योगी ने इस बयान के जरिए स्पष्ट किया कि ज्ञानवापी के इतिहास और धार्मिक महत्व को भुलाया नहीं जा सकता।
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उन्होंने एक प्राचीन कथा का भी जिक्र किया जिसमें आदि शंकराचार्य का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि जब आचार्य शंकर काशी आए थे, तो भगवान विश्वनाथ ने उनकी परीक्षा लेने का निश्चय किया। जब शंकराचार्य गंगा स्नान के लिए बढ़े, तो भगवान विश्वनाथ एक अछूत के रूप में उनके सामने आ गए। शंकराचार्य ने उनसे हटने को कहा, लेकिन भगवान ने कहा, “आप ज्ञान का मार्ग हैं, आप किसे हटाएंगे? ज्ञान तो आपके भीतर ही वास करता है, और संसार में हर किसी के अंदर है” इस पर शंकराचार्य चौंक गए और सत्य को समझने लगे। इसके बाद भगवान विश्वनाथ ने स्वयं प्रकट होकर शंकराचार्य को बताया कि वह वही हैं जिनकी साधना के लिए वे काशी आए थे।
CM योगी ने आगे कहा…
देखा जाए तो CM योगी ने इस कथा के माध्यम से यह स्पष्ट किया कि ज्ञानवापी स्वयं भगवान विश्वनाथ का स्वरूप है और इसे मस्जिद कहना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि जब तक इसे मस्जिद कहा जाता रहेगा, तब तक विवाद समाप्त नहीं होगा। उनका यह बयान धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है और इसके राजनीतिक प्रभाव भी हैं। बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब CM योगी ने ज्ञानवापी पर बयान दिया है। इससे पहले भी वे इस मुद्दे पर अपनी स्पष्ट राय व्यक्त कर चुके हैं।