हवाई अड्डे पर जमीनी रख-रखाव और माल ढुलाई परिचालन का कामकाज देखने वाली तुर्किये की कंपनियों ने दिल्ली उच्च न्यायालय से बुधवार को कहा कि विमानन नियामक ‘नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो’ (बीसीएएस) द्वारा उनकी सुरक्षा मंजूरी रद्द किया जाना उचित प्रक्रिया और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन है। वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने न्यायमूर्ति सचिन दत्ता के समक्ष दलील देते हुए कहा कि ‘सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ और ‘सेलेबी दिल्ली कार्गो टर्मिनल मैनेजमेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ पिछले 17 साल से यह कारोबार कर रही हैं और बीसीएएस का फैसला उनके लिए एक ‘झटका’ है।
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