पंजाब डेस्कः पंजाब में आयुष्मान योजना कार्ड से इलाज कराना और भी मुश्किल हो गया है, क्योंकि हर जिले में दर्जनों लोगों के पास अनाधिकृत कार्ड हैं, जिनकी जांच शुरू हो गई है। अनाधिकृत आयुष्मान कार्ड से किए गए इलाज की बनती रकम सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों द्वारा भरी जा रही है।
यहां तक कि अब कार्ड के जरिए इलाज करने से पहले पूरी तरह जांच भी की जानी शुरू हो गई है। आर.टी.आई. माहिर बृष भान बुजरक ने बताया कि पंजाब और स्वास्थ्य बीमा योजना द्वारा अनाधिकृत आयुष्मान कार्ड बनाए जाने का काला धंधा बड़े स्तर पर चल रहा है। बड़ी गिनती में कंप्यूटर सैंटरों में हजारों रुपए लेकर ऐसे कार्ड बनाए जा रहे हैं पर मान्यता प्राप्त इलाज वाले अस्पतालों में कार्ड चलाने पर ठगी का जाल सामने आ रहा है क्योंकि आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए रखी गई शर्तों के उलट मोटी रकम वसूल कर ये कार्ड बनाते जाते हैं। अब ऐसे कार्डों का पर्दाफाश होने के बाद सरकारी और निजी अस्पताल चौकस हो गए हैं।
बुजरक ने कहा कि केंद्र सरकार की आयुष्मान उपचार प्रणाली वाली इस योजना के लिए जे-फॉर्म, आटा-दाल कार्ड या गरीबी रेखा से नीचे वाले परिवारों के कार्ड बनाए गए थे। कुछ लोगों ने इस योजना का फायदा उठाया और अनाधिकृत कार्ड बनाने का धंधा शुरू कर दिया। ऐसे कार्ड बनाने के लिए 2 हजार से 5 हजार रुपये तक वसूले जा रहे थे। बीमा एजेंसी द्वारा इलाज के लिए लाखों रुपये का भुगतान न करने और आयुष्मान योजना के कार्ड अनाधिकृत होने का मामला उठाने के बाद अब कार्रवाई शुरू हो गई है। ऐसे में सबसे ज्यादा नुकसान घुटना रिप्लेसमेंट करने वाले सरकारी अस्पतालों को हुआ है। उन्होंने पंजाब सरकार से मांग की कि जो व्यक्ति सरकारी या गैर-सरकारी अस्पताल में ऐसा आयुष्मान कार्ड लेकर आता है, उसका कार्ड जब्त कर लिया जाए और कार्ड जारी करने वालों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया जाए और अस्पतालों को सख्त निर्देश जारी किए जाएं कि अनाधिकृत कार्ड वाले व्यक्ति के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई जाए।