Sambhal Update : यूपी के संभल में 1978 में हुए दंगों को लेकर एक बार फिर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। बताया गया है कि भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी आपस में भिड़ गए हैं। दोनों पार्टियों के प्रवक्ताओं के बीच तीखी प्रतिक्रियों की जंग जारी है। भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने संभल की घटनाओं की जांच की मांग की और कहा कि पीड़ितों के परिजनों को अब भी न्याय का इंतजार है, साथ ही उन्होंने इसे तत्कालीन सरकारों की विफलता बताते हुए कहा कि इतिहास के कई पन्ने इन घटनाओं से जुड़े हैं।
सपा ने भाजपा पर लगाए गंभीर आरोप
वहीं दूसरी तरफ, सपा प्रवक्ता अमीक जामेई ने भी कदम बढ़ाते हुए भाजपा पर पलटवार किया और कहा कि 1978 में जब यह घटना हुई थी, तब राम नरेश यादव मुख्यमंत्री थे और सरकार में जनसंघ का सहयोग था और उन्होंने भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं, जैसे मरहूम कल्याण सिंह, बिहार के वर्तमान राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और सत्यदेव त्रिपाठी का नाम लेते हुए सवाल किया कि तब जांच क्यों नहीं करवाई गई। जामेई ने भाजपा को दंगों का विशेषज्ञ बताते हुए आरोप लगाया कि भाजपा ने हमेशा ऐसे मामलों में राजनीति की है, कभी समाधान पर काम नहीं किया।
जांच की मांग पर सियासत गरम
ऐसे में, संभल दंगों की जांच को लेकर भाजपा और सपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। बता दें, भाजपा इसे पीड़ितों को न्याय दिलाने का मुद्दा बता रही है, जबकि सपा इसे राजनीतिक स्टंट करार दे रही है। राजनीतिक माहौल में इस मुद्दे ने एक बार फिर गर्मी ला दी है। अब देखना होगा कि सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए कौन सी प्रक्रिया अपनाई जाती है।