नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद के 15 वादों को नत्थी करने संबंधी इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका बाद में दाखिल की जा सकती है। प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने प्रथम दृष्टया सभी वादों के समेकन संबंधी उच्च न्यायालय के फैसले के पक्ष में निर्णय लिया और कहा कि इससे दोनों पक्षों को फायदा होगा। पिछले वर्ष 11 जनवरी को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मामलों को समेकित करने का निर्देश दिया था। शुक्रवार को सुनवाई की शुरुआत में उच्चतम न्यायालय की पीठ ने कहा कि वह आराधना स्थलों पर 1991 के कानून से संबंधित मुद्दे पर विचार कर रही है और जानना चाहा कि उसे इस समय वादों के समेकन के मामले में हस्तक्षेप क्यों करना चाहिए। मुख्य न्यायाधीश ने मस्जिद समिति का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील से कहा, ‘‘यदि जरूरत लगे तो आप बाद में भी यह याचिका ला सकते हैं।’’
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