लखनऊ, : घड़ी ने रात के 12 बजाये और गिरजाघरों में क्रिसमस की धूम शुरू हो गई। रोशनी से जगमगाते गिरजाघरों में प्रार्थनाओं का दौर पहले ही शुरू हो चुका था। गिरजा इसाई धर्म के अनुयाइयों से खचाखच भरे थे। राजधानी के कैथेड्रल चर्च में सबसे बड़ा आयोजन किया गया था। लोगों ने चर्च पहुंचकर मोमबत्तियां जलाईं और ईसा मसीह को याद किया।
कैथेड्रल चर्च में क्रिसमस की भव्य झांकी सजाई गई थी। चर्च के शीर्ष पर सितारा लगाने वाले मोहम्मद अली भी वहां मौजूद थे। मोहम्मद अली अपने परिवार की परम्परा का पालन करते हुए हर साल चर्च के शीर्ष पर सितारा लगाते हैं। उनसे पहले यही काम उनके पिता करते थे। चर्च के शीर्ष तक चढ़ना खतरे का काम होता है। यही वजह है कि जिस दिन वह चर्च पर सितारा लगाने के लिए चढ़ते हैं उस दिन उनका परिवार रोजा रखता है। सितारा लगाने के लिए चढ़ने से पहले वह अपने परिवार से फोन पर बात करते हैं और उनके घर में तब तक प्रार्थनाओं का दौर चलता है जब तक वह सुरक्षित उतरकर दोबारा अपने घर फोन नहीं कर देते।