नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने आठ अनुपात एक के बहुमत से पारित अपने फैसले में सात न्यायाधीशों की पीठ का निर्णय पलटते हुए बुधवार को कहा कि राज्यों को औद्योगिक अल्कोहल के उत्पादन, विनिर्माण और आपूर्ति करने का नियामक अधिकार है। वर्ष 1997 में सात न्यायाधीशों की पीठ ने फैसला सुनाया था कि औद्योगिक अल्कोहल के उत्पादन पर नियामक अधिकार केंद्र के पास है।
2010 में यह मामला नौ न्यायाधीशों की पीठ को सौंपा गया था। मामले में हालिया फैसला लिखने वाले, भारत के प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और सात अन्य न्यायाधीशों ने व्यवस्था दी कि केंद्र के पास औद्योगिक अल्कोहल के उत्पादन पर नियामक शक्ति का अभाव है। नौ सदस्यीय न्यायाधीशों की पीठ में शामिल न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना ने बहुमत के इस फैसले से असहमति जताई। औद्योगिक अल्कोहल मानव उपयोग के लिए नहीं होता है।

