भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा पेटीएम पेमेंट बैंक पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए जाने से कारोबारी बाजार में हड़कंप मच गया है। इसका असर जहां ग्राहकों पर देखने को मिल रहा है, वहीं पेटीएम पेमेंट्स बैंक का भविष्य भी खतरे में है। हालांकि, इसके पीछे क्या कारण हैं…
बिजनेस डेस्कः भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा पेटीएम पेमेंट बैंक पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए जाने से कारोबारी बाजार में हड़कंप मच गया है। इसका असर जहां ग्राहकों पर देखने को मिल रहा है, वहीं पेटीएम पेमेंट्स बैंक का भविष्य भी खतरे में है। हालांकि, इसके पीछे क्या कारण हैं जो मामला यहां तक पहुंच गया, जिसके कारण पेटीएम पेमेंट्स बैंक आरबीआई की आंखों में खटकने लगा? मामले से परिचित लोगों का कहना है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक ने बिना सही पहचान सुनिश्चित किए सैकड़ों खाते बनाए। यही सबसे बड़ा कारण रहा जिसकी वजह से पेटीएम पेमेंट्स बैंक आरबीआई की नजरों पर चढ़ गया।
अपर्याप्त केवाईसी वाले इन खातों ने प्लेटफॉर्म पर करोड़ों रुपए का लेनदेन किया, जिससे संभावित मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका पैदा हो गई। खबरों की मानें तो ऐसा पाया गया कि 1,000 से अधिक यूजर्स का अकाउंट केवल 1 ही पैन नंबर से जुड़ा हुआ था। इतना ही नहीं आरबीआई और ऑडिटर ने जब बैंक की अनुपालन रिपोर्ट की जांच की तो वह भी गलत पाई गई। सूत्रों के अनुसार, आरबीआई को चिंता है कि कुछ खातों का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया जा सकता है।
पीएमओ तक पहुंचे दस्तावेज
आरबीआई ने अपनी जांच में सामने आए नतीजों की रिपोर्ट को ईडी, गृह मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय तक भेज दिया है। राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने बताया कि अगर अवैध गतिविधि का कोई सबूत मिला तो प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पेटीएम पेमेंट्स बैंक की जांच करेगा।
ग्रुप के अंदर गैर-पारदर्शी ट्रांजेक्शन
ऐसी भी खबर हैं कि ग्रुप के अंदर ही जो ट्रांजेक्शन की गईं उसमें भी पार्दर्शिता नहीं थी। केंद्रीय बैंक की जांच से गवर्नेंस स्टैंडर्ड में खामियां भी उजागर हुईं, विशेषकर पेटीएम पेमेंट्स बैंक और इसकी मूल कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड के बीच में संबंध में कई कमिया दिखीं। पेटीएम के मूल ऐप के माध्यम से किए गए लेनदेन ने डेटा प्राइवेसी से जुड़ी चिंताओं को बढ़ा दिया, जिसके कारण आरबीआई को पेटीएम पेमेंट्स बैंक के माध्यम से लेनदेन रोकने का निर्णय लेना पड़ा।