8th pay Commission:आठवें वेतन आयोग का लोगों को बेसब्री से इंतजार था। यह काफी समय से सुर्खियों में था। पीएम मोदी ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है। सरकार ने कहा है कि इसे साल 2026 से लागू किया जाएगा। आठवें वेतन आयोग के चेयरमैन और दो सदस्यों के नामों की घोषणा भी जल्द ही की जाएगी। इससे पहले 7वें वेतन आयोग का गठन साल 2016 में किया गया था। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 8वें वेतन आयोग के जारी होने की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि सातवां वेतन आयोग साल 2016 में लागू किया गया था और इसका कार्यकाल 2026 तक है।
आठवें वेतन आयोग को साल 2026 से लागू किया जाना है। ऐसे में इसके इतनी जल्दी ऐलान के पीछे की वजह यह है कि इसका गठन इतनी जल्दी इसलिए किया गया है ताकि समय रहते सुझावों, सिफारिशों आदि पर ठीक से काम किया जा सके। सरकारी कर्मचारियों को अब तक सातवें वेतन आयोग के तहत ही सैलरी मिल रही थी। आठवें वेतन आयोग के लागू होने से केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी की काफी उम्मीदें हैं। इसके तहत सरकार सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन और भत्ते बढ़ा सकती है। इस आयोग के गठन की सही तारीख की घोषणा अभी नहीं की गई है।
186 फीसदी की बढ़ोतरी
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि जल्द ही 8वें वेतन आयोग की निगरानी के लिए चेयरमैन और दो सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी। 8वें वेतन आयोग के आने से वेतन पर क्या फर्क पड़ेगा। आइए जानते हैं। न्यूनतम वेतन 34,560 रुपये रहने का अनुमान है। वहीं पेंशन के तौर पर 17,280+डीआर मिलने की उम्मीद है। इसका साफ मतलब है कि न्यूनतम वेतन में करीब 186 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है। प्रमोशन और वेतन बढ़ोतरी पर पेंशन में भी बढ़ोतरी हो सकती है।
हर 10 साल में बनता है नया आयोग
केंद्र सरकार एक आयोग बनाती है। इसे वेतन आयोग कहते हैं। यह केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन ढांचे में बदलाव की सिफारिश करता है। पिछला यानी 7वां वेतन आयोग फरवरी 2014 में बना था। हालांकि, इसे 1 जनवरी 2016 को लागू किया गया था। 7वें वेतन आयोग में कर्मचारियों की सैलरी 7,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये कर दी गई थी। आमतौर पर हर 10 साल में नया आयोग बनता है।