Ghaziabad News : डूंडाहेड़ा में रहने वाला युवक नोएडा की एक एक्सपोर्ट कंपनी में काम करता है। उसकी माली हालत अच्छी नहीं है। कर्ज बढ़ने से परेशान होकर जान देने मसूरी गंगनहर पहुंच गया और पुलिस से छलांग लगा दी। उसे डूबते देख पास से गुजर रहे चार दोस्त उसे बचाने के लिए नहर में कूद पड़े। चारों नाहल गांव के रहने वाले हैं और तैरना जानते हैं। करीब 50 मीटर बहने के बाद चारों ने मिलकर युवक को बाहर निकाल लिया। युवक की तबियत बिगड़ने लगी थी। उपचार के लिए चारों उसे लेकर डासना सीएचसी पहुंचे, लेकिन डाक्टरों ने पुलिस केस बताकर उसका उपचार करने से मना कर दिया। सीएचसी से बैरंग लौटकर मसूरी थाने पहुंचे और पुलिस से जरूरी कागज लेकर फिर डासना सीएचसी जाकर उपचार कराया। शाम के समय उसके परिजन पहुंच गए, हालत में सुधार होने पर परिजन युवक को अपने साथ ले गए।
कर्ज से परेशान था युवक
युवक के बताया कि इस कर्ज से परेशान होकर जान देना चाहता था। बुधवार सुबह लगभग नौ बजे वह घर से नौकरी पर जाने की बात कहकर निकल आया था और मसूरी स्थित गंगनहर पर पहुंच गया। पुल पर पहुंचकर युवक ने गंग नहर में छलांग लगा दी। नाहल निवासी मोबीन, सलीम, दानिश और बाबू ने उसे डूबते देख लिया। चारों ने युवक को गंग नहर में डूबते देख छलांग लगा दी। करीब 50 मीटर आगे जाकर चारों ने युवक को नहर से निकाला। युवक की हालत खराब हो चुकी थी।
डाक्टर बोले पुलिस केस है, पुलिस के पास जाओ
सलीम ने बताया कि चारो उसे तुरंत सीएचसी डासना ले गए, लेकिन डाक्टरों ने पुलिस केस बताते हुए प्राथमिक उपचार देने से भी साफ इंकार कर दिया। इस पर चारों दोस्त युवक को लेकर मसूरी थाने पहुंचे। हालांकि थाना पुलिस ने मानवता दिखाई और तुरंत की युवक को भर्ती करके उपचार और मेडिकल करने संबंधी चिट्ठी बनाकर दे दी। चारों दोस्त फिर से युवक को लेकर डासना सीएचसी पहुंचे, जिसके बाद युवक को प्राथमिक उपचार मिल सका और उसकी जान बच गई।
जानकारी पाकर दौड़े परिजन
जानकारी पाकर पर युवक के परिजन भी सीएचसी डासना पहुंच गए और हालत में सुधार होने पर उसे घर ले गए। सलीम ऑटो चालक है और दानिश क्रेन चलाता है। जबकि मोबीन और बाबू मजदूरी करते हैं। जब युवक ने पुल से छलांग लगाई तो मोबीन और बाबू मजदूरी के लिए सलीम का ऑटो लेने पुल के पास पहुंचे थे।
युवक को बचाने में गिर गया मोबीन का मोबाइल
युवक को बचाने में मोबीन का मोबाइल और खाना नहर में गिर गया। मोबीन का कहना है कि बह रहे युवक की जान बच गई, इससे अच्छा क्या हो सकता है मैं किसी की जान बचाने में सहयोग कर पाया। मोबाइल वह फिर लू लूंगा।