जिनेवा। संयुक्त राष्ट्र समर्थित मानवाधिकार जांचकर्ताओं ने शुक्रवार को युद्धग्रस्त सूडान के नागरिकों की सुरक्षा के लिए एक ‘स्वतंत्र और निष्पक्ष बल’ के गठन का आग्रह किया। इसके साथ ही जांचकर्ताओं ने हत्या, अंग-भंग और यातना सहित युद्ध अपराधों के लिए दोनों पक्षों को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों को हथियार और धन मुहैया कराने वाली विदेशी सरकारें भी इसमें शामिल हो सकती हैं।
संयुक्त राष्ट्र के मुख्य मानवाधिकार निकाय ने पिछले साल अक्टूबर में तथ्यान्वेषी टीम गठित की थी जिसने अपनी पहली रिपोर्ट में सूडान की सेना से लड़ने वाले अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्सेज और उसके सहयोगियों पर बलात्कार, यौन गुलामी और जातीय या लैंगिक आधार पर उत्पीड़न सहित मानवता के विरुद्ध अपराध करने का आरोप लगाया है।
तथ्यान्वेषी टीम के अध्यक्ष मोहम्मद चांदे ओथमान ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, सूडान के लोगों ने बहुत कष्ट झेले हैं और उनके खिलाफ हो रहे उल्लंघनों को रोका जाना चाहिए। लड़ाई को समाप्त किए बिना ऐसा नहीं किया जा सकता है। टीम को 47 देशों की मानवाधिकार परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त है। इसकी रिपोर्ट ऐसे समय सामने आई है, जब एक करोड़ से अधिक लोगों को विस्थापित होना पड़ा है और 20 लाख लोगों ने पड़ोसी देशों में शरण ली है। दार्फूर में विस्थापित लोगों के लिए स्थापित एक बड़े शिविर में अकाल की स्थिति है। पिछले साल अप्रैल में शुरू हुए संघर्ष में अपुष्ट आंकड़ों के मुताबिक हजारों लोगों की जान गई है और मानवीय समूहों को जरूरतमंद लोगों तक मदद पहुंचाने में चुनौती का सामना करना पड़ा है। दिसंबर में, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सैन्य नेतृत्व के दबाव में देश में विश्व निकाय के राजनीतिक मिशन को समाप्त करने के लिए मतदान किया।