Rajasthan News: राजस्थान में 450 सरकारी स्कूलों को बंद करने के फैसले पर सियासी घमासान तेज हो गया है। कांग्रेस ने इस निर्णय पर जमकर हमला बोलते हुए आरोप लगाया है कि बीजेपी सरकार का असली मकसद शिक्षा को निजी हाथों में सौंपना है। पीसीसी अध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने कहा कि बीजेपी की यह नीति शिक्षा के निजीकरण की ओर बढ़ने की कड़ी है, जिसमें सरकारी स्कूलों को बंद करने का सिलसिला जारी है।
कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी सरकार का यह कदम सरकारी स्कूलों को खत्म करने और शिक्षा व्यवस्था को कमजोर करने की ओर संकेत करता है। डोटासरा ने उदाहरण देते हुए कहा कि पहले की कांग्रेस सरकार में राज्य में लड़कियों के स्कूलों को बंद नहीं किया गया था, जबकि बीजेपी ने एक साल में 450 स्कूल बंद कर दिए। कांग्रेस ने यह भी दावा किया कि उनकी सरकार ने बंद स्कूलों को फिर से खोला था। हिंदी माध्यम के 1500 से अधिक और महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम के 367 स्कूलों को दोबारा चालू किया गया था।
राज्य में शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है
डोटासरा ने यह आरोप भी लगाया कि बीजेपी के नेतृत्व में सरकारी स्कूलों की हालत बिगड़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने समन्वय के नाम पर पूर्व में 22,204 स्कूल बंद कर दिए थे। इसके विपरीत, कांग्रेस ने बंद किए गए स्कूलों को फिर से शुरू किया और शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए कदम उठाए। आरोप यह भी है कि बीजेपी सरकारी स्कूलों में बजट की कमी, शिक्षक भर्ती में रुकावट, और स्कूलों में आवश्यक सुविधाओं की अनदेखी कर रही है। डोटासरा ने यह कहा कि बीजेपी का असली उद्देश्य गरीब बच्चों को शिक्षा से वंचित रखना है और आदर्श विद्या मंदिर स्कूलों को बढ़ावा देना है, जो केवल निजी हाथों में होंगे। कांग्रेस का कहना है कि राज्य में शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है, और बीजेपी के फैसले से बच्चों का भविष्य खतरे में है।