अयोध्या । खंड शिक्षा क्षेत्र सोहावल के दो परिषदीय विद्यालय गड़बड़ी और अनियमितता की भेंट चढ़ गए। शिक्षक और प्रधान ने मिल कर ऐसा खेल दिखाया कि निर्माण के कुछ वर्षों बाद ही एक स्कूल ढह गया और दूसरे को जर्जर दिखा दिया गया। ऐसा नहीं है कि जांच नहीं हुई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। सब दाखिल दफ्तर कर दिया गया। अब फिर निर्माण से जुड़ी शिक्षक कमेटी को बचाने के लिए एक नई जांच बैठा दी गई है।
कंपोजिट विद्यालय साधू का पुरवा और पूर्व माध्यमिक विद्यालय अगेथुवा में अलग- अलग बरामदा के साथ चार कमरा एक विज्ञान कक्ष निर्माण के लिए धन आवंटित हुआ। दोनों विद्यालय बनवाने की जिम्मेदारी निर्माण कमेटी बना कर प्रधान के साथ संयुक्त खाते से साधू पुरवा विद्यालय के शिक्षक विजय सिंह को मिली। 2010 के आसपास बनाए गए इन भवनों के निर्माण में अनियमितता हुई। आरोप है कि इतनी बालू मिलाई गई कि एक विद्यालय 2022 में ही जर्जर होकर गिरने लगा। विभाग से मिली भगत कर प्रधान ने छत गिरवा दी जब कि दूसरा अगेथुआ का विद्यालय स्वतः गिरने लगा है। इसे जर्जर घोषित कर विभाग ने अब प्रतिबंधित कर दिया है। आज दोनों परिषदीय विद्यालय में दो वर्षो से बच्चे खुले आकाश के नीचे ही पढ़ाए जा रहे है।
घोटाले और अनियमितता की भेंट चढ़े इस निर्माण की बाबत जिम्मेदारों को बचाने के लिए विभागीय काकस में तिकड़म बनाए जा रहे है। हर जिम्मेदार अधिकारी अलग – अलग बयानबाजी कर अपना पल्लू झाड़ रहा है। विभाग के जिला समन्वयक निर्माण गिरजा शंकर पाण्डेय कहते है जांच की आख्या बीएसए को सौंप दी गई है। रिकवरी व कार्यवाही करना विभाग का काम है। खंड शिक्षा अधिकारी शैलेंद्र सिंह ने कहा दोषी जिम्मेदारों के खिलाफ एक पत्र पहले जारी हुआ था किसी नए पत्र की जानकारी नही है।उन्होंने स्वीकार किया है कि मामले में शिक्षक और प्रधान की संलिप्तता पाई गई थी।