नई दिल्ली। चिकित्सक की पर्ची के बिना मिलने वाली दवाओं में शामिल पैरासिटामोल 65 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों में आंत, हृदय और गुर्दे से संबंधित बीमारियों का जोखिम बढ़ा सकती है। एक नये अध्ययन में यह दावा किया गया है।हल्के से मध्यम बुखार के दौरान आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली पैरासिटामोल, अस्थियों से जुड़ी बीमारियों के उपचार के लिए भी चिकित्सक द्वारा परामर्श दी जाने वाली पहली दवा है क्योंकि इसे प्रभावी, अपेक्षाकृत सुरक्षित और सुलभ माना जाता है। हालांकि, दर्द निवारण में पैरासिटामोल की प्रभावशीलता पर कुछ अध्ययनों में सवाल उठाये गए हैं, जबकि अन्य अध्ययनों ने लंबे समय तक इसके उपयोग से पाचन तंत्र संबंधी दुष्प्रभावों, जैसे अल्सर और रक्तस्राव, के बढ़ते जोखिम को रेखांकित किया है।
Trending
- Qaumi Patrika, Sunday , 22nd June 2025
- दिल्ली बनी खुफिया मिशनों की चर्चा का केंद्र
- शुभमन गिल पर मंडरा रहा ICC के बैन का खतरा! इस नियम के उल्लंघन पर छिड़ा विवाद, जानिए
- International Yoga Day 2025: रक्षा मंत्री ने सेना के जवानों के साथ मिलकर दिया एकता का संदेश, कहा- ‘समाज और विचार के स्तर पर भी करें योग’
- Sonia Gandhi On Iran-Israel War: ‘ईरान भारत का पुराना सहयोगी, वहीं इजरायल…’, मिडिल ईस्ट में छिड़ी जंग पर सोनिया गांधी का सामने आया रिएक्शन
- राहुल गांधी ने ‘मेक इन इंडिया’ पर उठाए सवाल, कहा- नए विचारों के बिना प्रधानमंत्री ने ‘सरेंडर’ कर दिया
- DGCA का एयर इंडिया पर कड़ा कदम, तीन अधिकारियों को हटाने का दिया आदेश, 10 दिन में रिपोर्ट तलब
- Qaumi Patrika, Saturday , 21st June 2025