बेंगलुरु। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने सोमवार को कहा कि केंद्रीय बैंक लगातार ऐसी नीतियां, प्रणालियां और मंच तैयार करने पर काम कर रहा है जो वित्तीय क्षेत्र को मजबूत, जुझारू और ग्राहक केंद्रित बनाएंगे। आरबीआई@90 पहल के तहत डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना तथा उभरती प्रौद्योगिकियों पर वैश्विक सम्मेलन में दास ने यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस (यूएलआई) और सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) के संबंध में आरबीआई द्वारा की जा रही विभिन्न पहलों का जिक्र किया।
गवर्नर ने कहा कि यूपीआई प्रणाली में सीमा पार धन प्रेषण के उपलब्ध माध्यमों के लिए एक सस्ता तथा त्वरित विकल्प बनने की क्षमता है और ‘‘ इसकी शुरुआत छोटे मूल्य के व्यक्तिगत धन प्रेषण से की जा सकती है, क्योंकि इसे शीघ्रता से क्रियान्वित किया जा सकता है।’’ संसद में जुलाई में पेश आर्थिक समीक्षा के अनुसार, भारत में धन प्रेषण (जो सेवा निर्यात के बाद बाह्य वित्तपोषण का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत है) 2024 में 3.7 प्रतिशत बढ़कर 124 अरब अमेरिकी डॉलर और 2025 में चार प्रतिशत बढ़कर 129 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। दास ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई@100 की ओर बढ़ने की यात्रा को लेकर काफी आशावादी है।