नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए नई नीति का ऐलान किया है। इसके तहत इलेक्ट्रिक वाहनों पर लगने वाले GST पर कोई कंपसेशन सेस नहीं लगाया जाएगा। इससे इलेक्ट्रिक वाहन खरीददारों पर कम से कम बोझ पड़ेगा। बता दें कि सरकार का मकदस पर्यावरण को संरक्षित करना है। इसके लिए ही नई इलेक्ट्रिक नीति को लाया गया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सरकार ने देश में 2070 तक 0 प्रतिशत कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य लखा है।
इलेक्ट्रिक वाहनों पर 5 प्रतिशत GST
आपको बता दें कि मौजूदा जीएसटी स्लैब 5 प्रतिशत है। पेट्रोल और डीजल गाड़ियों के मुकाबले सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों पर ज्यादा छूट दे रही है। इससे लोग ज्यादा से ज्यादा पर्यावरण अनुकूल वाहनों की तरफ आकर्षित होंगे और इलेक्ट्रिक व्हीकल का मार्केट तेजी से बढ़ेगा। इससे सरकार को कार्बन उत्सर्जन कम करने में मदद मिलेगी।
सरकार को कैसे होगा लाभ
1. Impact on the environment: इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रचार से कार्बन उत्सर्जन कम होगा। EVs में कोई भी टेलपाइप उत्सर्जन नहीं होता, जिससे हवा की गुणवत्ता में सुधार होगा और प्रदूषण कम होगा।
2. Energy self-sufficiency: इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने से देश की ऊर्जा जरूरतों में कमी आएगी। जैसे-जैसे ऊर्जा ग्रिड में हरित ऊर्जा का योगदान बढ़ेगा, EVs के पर्यावरणीय लाभ भी बढ़ेंगे।
3. Economic growth: EV सेक्टर में निर्माण, रखरखाव, और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए नई नौकरियां उत्पन्न होंगी। यह देश की आर्थिक वृद्धि और तकनीकी विकास में योगदान करेगा।
4. Health benefits : पारंपरिक वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने से लोगों के स्वास्थ्य में सुधार होगा, जैसे कि सांस और हृदय से संबंधित समस्याओं में कमी आएगी।
अन्य वाहनों पर टैक्स नीति
इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए टैक्स दरों के अलावा, अन्य वाहनों के लिए अलग-अलग GST और कमपेंसेशन सेस दरें हैं:
– हाइड्रोजन फ्यूल सेल वाहन पर 12% GST और कोई भी कमपेंसेशन सेस नहीं है।
– 350cc तक के दो पहिया वाहन पर 28 % GST और कोई भी कमपेंसेशन सेस नहीं है, जबकि 350cc से ऊपर के वाहन पर 28 % GST और 3 % कमपेंसेशन सेस है।
– पैसेंजर वाहन जिनमें पेट्रोल, CNG, या LPG इंजन हैं, 4 मीटर लंबाई और 1200cc इंजन तक के लिए 28% GST और 1% कमपेंसेशन सेस है। डीजल वाहनों के लिए GST 28% और कमपेंसेशन सेस 3% है।
– हाइब्रिड पैसेंजर वाहन पर 28% GST और कोई कमपेंसेशन सेस नहीं है, अगर ये 4 मीटर लंबाई और 1200cc इंजन तक के हैं।
सरकार की यह टैक्स नीति न केवल इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों को प्रोत्साहित करती है, बल्कि अन्य वाहन श्रेणियों से प्राप्त राजस्व को भी नियंत्रित करती है। इस नीति के माध्यम से, सरकार एक स्वच्छ और हरित भविष्य की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। सरकार का इलेक्ट्रिक वाहनों पर टैक्स छूट देने का निर्णय पर्यावरण की रक्षा और सतत परिवहन को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस छूट के माध्यम से, इलेक्ट्रिक वाहनों को अधिक लोगों तक पहुंचाना आसान होगा, जिससे प्रदूषण कम होगा और स्वास्थ्य में सुधार होगा। यह कदम न केवल पर्यावरण के लिए लाभकारी है बल्कि आर्थिक और तकनीकी विकास में भी सहायक होगा।