Rajasthan:केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के संसद में दिए गए विवादित बयान के खिलाफ बसपा और कांग्रेस ने मिलकर विरोध प्रदर्शन किया। दोनों दलों ने भीमराव अंबेडकर सर्कल से जिला कलेक्ट्रेट तक संयुक्त पैदल मार्च निकालते हुए नाराजगी जताई। प्रदर्शनकारियों ने गृहमंत्री के बयान को अंबेडकर और संविधान के प्रति अपमानजनक बताते हुए राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपकर सख्त कार्रवाई की मांग की।
विरोध में बसपा-कांग्रेस एकजुट
बसपा प्रदेश महासचिव हरिसिंह तेमरिया ने इस बयान को अंबेडकर के विचारों और उनकी विरासत का अपमान करार दिया। उन्होंने कहा, “यह बयान जातिवादी मानसिकता को दर्शाता है और बहुजन समाज के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाता है।” वहीं, कांग्रेस जिला अध्यक्ष शिवराज मीना ने इसे “अमर्यादित और अक्षम्य” बताते हुए डॉ. अंबेडकर के प्रति अनादर करार दिया।
राष्ट्रपति से बड़ी कार्यवाही की मांग
प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने जोरदार नारेबाजी करते हुए गृहमंत्री से माफी की मांग की इसके बाद उन्होंने अतिरिक्त जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि गृहमंत्री का बयान संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति गंभीर असम्मान है राष्ट्रपति से इस टिप्पणी पर संज्ञान लेने और कड़ी कार्रवाई की अपील की गई।
नेताओं ने विरोध तेज करने की दी चेतावनी
नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि इस बयान पर कार्रवाई नहीं हुई तो विरोध और तेज होगा। प्रदर्शनकारियों ने कहा, “डॉ. अंबेडकर केवल एक नेता नहीं, बल्कि संविधान के निर्माता और करोड़ों लोगों की उम्मीद हैं ऐसे अपमानजनक बयान को समाज कभी स्वीकार नहीं करेगा।” इस विरोध ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है अब देखना यह होगा कि सरकार और राष्ट्रपति इस पर क्या रुख अपनाते हैं।