Ajmer Police Survey: अजमेर दरगाह में ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का 813वां उर्स 28 दिसंबर 2024 को झंडा चढ़ने के साथ शुरू होगा और 2 जनवरी से इसका आयोजन होगा। उर्स की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं और इस बार भी उर्स की शान-शौकत से मनाया जाएगा। हर साल की तरह, इस बार भी उर्स के अवसर पर लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर अकीदत पेश करने आएंगे।
सुरक्षा को लेकर पुलिस ने उठाए कदम
सुरक्षा को लेकर पुलिस ने पहले ही कदम उठाए हैं। पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा ने दरगाह क्षेत्र का निरीक्षण किया और इलाके में सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए। इसके तहत होटल मालिकों को निर्देशित किया गया है कि वे होटल में ठहरने वाले प्रत्येक व्यक्ति के दस्तावेजों की जांच करें। पुलिस ने बांग्लादेशी, रोहिंग्या और संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान करने के लिए भी आदेश जारी किए हैं। पहाड़ी इलाकों में डोर टू डोर सर्वे जारी है, और करीब 500 व्यक्तियों के दस्तावेजों की जांच की जा चुकी है।
अजमेर दरगाह में उर्स की तैयारी
सरवर चिश्ती ने उर्स के बारे में कहा कि दरगाह में शांति और सौहार्द का माहौल है और उन्होंने सभी से उर्स में अधिक से अधिक शिरकत करने की अपील की। उन्होंने राजनीतिक चादरों पर भी बात की और कहा कि उर्स में राजनीतिक दलों द्वारा चादर चढ़ाई जाती रही है, लेकिन यह गरीब नवाज की इच्छा पर निर्भर करता है कि कौन चादर भेजे।
साथ ही, उन्होंने दरगाह के भीतर शिव मंदिर के मामले में कोर्ट में दायर याचिका के बारे में भी प्रतिक्रिया दी। उनका कहना था कि इस तरह की याचिकाओं से कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि दरगाह सभी धर्मों और जातियों को जोड़ने वाली है, और यह भारत की सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक है।