पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी 2012 से लेकर 2017 तक भारत के राष्ट्रपति रहे थे। 31 अगस्त 2020 को उन्होनें 84 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली थी। अब केंद्र ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के सम्मान में एक स्मारक बनाने के लिए राजघाट परिसर में स्थित राष्ट्रीय स्मृति परिसर के भीतर एक समर्पित स्थल को मंजूरी दी है। प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी मुलाकात के बारे में एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से मुलाकात की और बाबा के लिए स्मारक बनाने के उनके सरकार के फैसले के लिए दिल से आभार और कृतज्ञता व्यक्त की। यह और भी अधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि हमने इसके लिए नहीं कहा था।

प्रधानमंत्री का जताया आभार
प्रधानमंत्री द्वारा इस अप्रत्याशित लेकिन वास्तव में दयालु इशारे से मैं बहुत प्रभावित हूं। बाबा कहा करते थे कि राजकीय सम्मान मांगा नहीं जाना चाहिए, बल्कि दिया जाना चाहिए। मैं बहुत आभारी हूं कि प्रधानमंत्री मोदी ने बाबा की स्मृति का सम्मान करने के लिए ऐसा किया। इससे बाबा पर कोई असर नहीं पड़ता कि वे अब कहां हैं- तालियों या आलोचनाओं से परे।
डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक पर दिया बयान
इससे पहले दिसंबर 2024 में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए जगह आवंटित करने के मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए लेखिका और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा था कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। शर्मिष्ठा मुखर्जी नेकहा, “इस मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए क्योंकि यह हमारी परंपरा रही है कि पूर्व प्रधानमंत्रियों के लिए स्मारक बनाए जाते हैं, पीवी नरसिम्हा राव एक अपवाद थे और डॉ. मनमोहन सिंह के शानदार योगदान को देखते हुए, मेरा पूरा मानना है कि उनके स्मारक पर कोई विवाद नहीं होना चाहिए और उन्हें भी भारत रत्न दिया जाना चाहिए।”