ऑल इंडिया सिख कॉन्फ्रेंस बब्बर ने आज एक बयान में कहा है कि भारत सरकार ने नरसिम्हा राव को भारत रत्न का अवार्ड देने की घोषणा कर के बहुत गलत फैसला किया है !ऑल इंडिया कॉन्फ्रेंस से बब्बर ने कहा है कि नवंबर 1984 में हजारों सिखों का कत्लेआम करवाने में तत्कालीन भारत के गृहमंत्री नरसिम्हा राव की बहुत बड़ी भूमिका थी उस वक्त स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेई ,श्री लालकृष्ण आडवाणी और विपक्ष के सभी नेता बार-बार नरसिम्हा राव से मिलने का टेलीफोन पर वक्त मांगते रहे किंतु नरसिम्हा राव ने बहुत देर के बाद मिलने का वक्त दिया इससे पहले नरसिम्हा राव का ऑफिस विपक्ष के नेताओं से कहता रहा कि उनके पास अभी मिलने का वक्त नहीं है जब नरसिम्हा राव विपक्ष के नेताओं से मिले तो विपक्ष के सभी नेताओं ने नरसिम्हा राव से कहा की स्थितियां बहुत बिगड़ गई हैं कत्लेआम हो रहा है आप फौज को तुरंत बुलाए नरसिम्हा राव ने कहा नहीं स्थितियां हमारे कंट्रोल में है सब ठीक है उस वक्त 5000 निर्दोष सिखों की हत्याएं करवाई गई हजारों सिख परिवार बुरी तरह जख्मी हुए सैंकड़े गुरद्वारे और श्री गुरु ग्रंथ साहिब जलाएं गए, सैंकड़ों औरतों के साथ रेप किए गए, सिखों की अरबों खबरों रुपयों की संपत्ति जला दी गई और लूट ली गई। दिल्ली पुलिस उस वक्त गृहमंत्री नरसिम्हा राव के हाथ में थी और दिल्ली पुलिस ने नरसिम्हा राव के आदेश पर , मारे गए सिखों की लाशें घर वालों को नहीं दी , एफ आई आर नहीं लिखी गई , पोस्टमार्टम नहीं करवाया गया , शमशान घाटों पर सिखों की लाशों का अंतिम संस्कार नहीं किया गया , सिख धर्म के मुताबिक धार्मिक प्रक्रिया पूरी करने के लिए किसी भी गुरुद्वारा साहब से किसी भाई और ग्रंथी साहिब को नहीं बुलाया गया था ।सिखों का कत्लेआम करने वाले तो कत्लेआम करके चले गए उसके उपरांत सिखों की लाशों को नरसिम्हा राव के आदेश पर इकट्ठा करके ट्रकों में भरकर दिल्ली के आसपास अरावली की पहाड़ियों और जंगलों में ले जाकर पेट्रोल , डीजल और केमिकल डालकर फूंक दिया था और भारत सरकार ने अब हज़ारों सिखों के हत्यारे नरसिम्हा राव को भारत रत्न का पुरस्कार देकर देश और दुनिया भर के सिखों को बुरी तरह जख्मी कर दिया है यह भारत सरकार का बहुत गलत फैसला है जिसका सिख कौम जमकर विरोध करेगी !
ऑल इंडिया सिख कॉन्फ्रेंस बब्बर ने भारत सरकार से अपील की है कि वह अपनी गलती को सुधारे और नरसिम्हा राव को भारत रत्न का अवार्ड देने की घोषणा को वापस लें ! अन्यथा इस फैसले की गूंज पूरी दुनिया में ज़ोरदार सुनाई देगी ! जो प्यारे राष्ट्र के हित में नहीं होगा !