इंदौर (मध्यप्रदेश)। इंदौर लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम की ऐन मौके पर नाम वापसी के बाद चुनावी समीकरणों में आमूल-चूल बदलाव से सभी राजनीतिक दलों का प्रचार ऐतिहासिक रूप से ठंडा दिखाई दे रहा है। नतीजतन झंडे-बैनर बेचने वाले दुकानदारों के अरमानों पर पानी फिर गया है।
शहर के राजबाड़ा क्षेत्र में बरसों से झंडे-बैनर बेच रहे गिरधारीलाल जोशी ने शुक्रवार को कहा, ‘‘मैंने ऐसा नीरस लोकसभा चुनाव पहले कभी नहीं देखा। चुनाव को लेकर स्थानीय लोगों में जरा भी उत्साह नहीं है। न तो राजनीतिक दलों के उम्मीदवार, न ही उनके समर्थक झंडे-बैनर खरीदने आ रहे हैं।’’
जोशी ने कहा कि राजनीतिक दलों के सोशल मीडिया के जरिये चुनाव प्रचार पर जोर देने के कारण भी उनके धंधे पर चोट पड़ी है। झंडे-बैनर के एक अन्य विक्रेता प्रकाश विश्वकर्मा ने कहा, ‘‘ग्राहकों द्वारा झंडे-बैनर की खरीद नहीं होने से हमारा करीब 10 लाख रुपये का स्टॉक यूं ही पड़ा है। इंदौर में भाजपा के सामने कोई बड़ी चुनौती नहीं होने के कारण चुनाव एकतरफा हो गया है और उम्मीदवार झंडे-बैनरों पर खर्च नहीं करना चाहते।’’