नई दिल्ली। निकहत ज़रीन और लवलीना बोरगोहेन जैसे मौजूदा विश्व चैंपियन खिलाड़ियों के बावजूद भारतीय मुक्केबाज पेरिस ओलंपिक में उम्मीद के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर पाए और उन्हें बिना पदक के वापस लौटना पड़ा। विजेंदर सिंह के बीजिंग ओलंपिक 2008 में ऐतिहासिक कांस्य पदक जीतने के बाद भारतीय मुक्केबाजों से ओलंपिक में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद की जाने लगी थी। इसके चार साल बाद एमसी मैरी कॉम ने लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। रियो ओलंपिक 2016 में भारतीय मुक्केबाज पदक नहीं जीत पाए लेकिन टोक्यो ओलंपिक में लवलीना कांस्य पदक हासिल करने में सफल रही थी। इस परिदृश्य में उम्मीद की जा रही थी कि भारतीय मुक्केबाज पदक जीतने का सिलसिला जारी रखेंगे लेकिन उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा।
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