कुवैत की एक इमारत में बुधवार को लगी आग ने 45 भारतीयों की जानें लील लीं। आग इतनी भयावह थी कि धुएं के गुबार में जान बचाने के लिए कोई उपाय न दिखने पर कई लोगों ने मजबूरी में इमारत से छलांग लगा दी थी। अब हादसे में मारे गए भारतीयों के पार्थिव शरीर को लेकर भारतीय वायुसेना का एक विशेष विमान शुक्रवार सुबह कोच्चि पहुंच गया है। साथ में राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह भी मौजूद हैं। मृतकों के शवों को अंतम संस्कार के लिए भारत वापस लाया गया है।
रो-रोकर बुरा हाल
कई घरों के चिरागों को आग ने लील लिया। परिवार के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है। इंजीनियर, ड्राइवर, सुपरवाइजर और अन्य क्षेत्रों में काम करने वाले पीड़ित अपने घरों का खर्चा चला रहे थे। हादसे में जान गंवाने वाले ज्यादातर केरल (23) से हैं। इसके बाद तमिलनाडु से सात, आंध्र प्रदेश में तीन, उत्तर प्रदेश, झारखंड और ओडिशा से दो-दो और बंगाल, बिहार, पंजाब, कर्नाटक, महाराष्ट्र और हरियाणा से एक-एक हैं, जिनकी मौत हुई है।
मृतकों के नाम | राज्य |
वीराचामी मरियप्पन | तमिलनाडु |
चिन्नाधुरई कृष्णमूर्ति | तमिलनाडु |
राजू इबामेसन | तमिलनाडु |
थॉमस चिरायिल ओमेन | केरल |
अनिल गिरी | हरियाणा |
विजय कुमार प्रसन्ना | कर्नाटक |
सिवाशंकर गोविंदन | तमिलनाडु |
करुप्पनन रामू | तमिलनाडु |
अनीश कुमार उन्नान कैंडी | केरल |
शमीर उमरुद्दीन | केरल |
मैथ्यू थॉमस | केरल |
सत्यनारायण मोल्लेति | आंध्र प्रदेश |
शियो शंकर सिंह | बिहार |
अरुण बाबू | केरल |
केलू पोनमलेरी | केरल |
साजू वरुघसे | केरल |
महम्मद जहूर | ओडिशा |
भुनफ रिचर्ड रॉय आनंद मनोहरन | तमिलनाडु |
रेंगिथ कुंडादुक्कम | केरल |
आकाश शशिधरन नायर | केरल |
प्रवीण माधव सिंह | झारखंड |
शिबू वर्गीस | केरल |
डेनी बेबी करुणाकरण | महाराष्ट्र |
नूह कुप्पन्ते पुरक्कल | केरल |
संतोष कुमार गौडा | ओडिशा |
बहुलेयन मरक्कदथ परम्बिल | केरल |
स्टेफिन अब्राहम साबू | केरल |
साजन जॉर्ज | केरल |
द्वारिकेश पटनायक | पश्चिम बंगाल |
मुरलीधरन नायर पुलिनिल कुन्ना वासुदेवन | केरल |
लुकोसे वडाकोट्टू ओओनुननी | केरल |
मोहम्मद शरीफ याहूप शरीफ | तमिलनाडु |
श्रीहरि प्रदीप | केरल |
श्रीजेश थंकप्पन नायर | केरल |
बिनोय थॉमस | केरल |
अंगद गुप्ता | उत्तर प्रदेश |
एमडी अली हुसैन | झारखंड |
जयराम गुप्ता | उत्तर प्रदेश |
नितिन कुथुर | केरल |
लोकनाधाम तमाडा | आंध्र प्रदेश |
सुमेश सुन्दरन पिल्लई | केरल |
विश्वास कृष्णन | केरल |
ईश्वरुदु मीसाला | आंध्र प्रदेश |
हिम्मत राय | पंजाब |
सिबिन थेवरोट्टू अब्राहम | केरल |
एनबीटीसी में करते थे काम
ज्यादातर पीड़ित कुवैत की एक कंपनी एनबीटीसी के लिए काम करते थे, जो देश की सबसे बड़ी निर्माण कंपनी है। जिस इमारत में आग लगी वह भी एनबीटीसी की थी। वहीं, कुछ पीड़ित हाल ही में काम के लिए कुवैत गए थे, उन्हें क्या पता था कि वह अब कभी भारत को नहीं देख पाएंगे। जबकि कई ऐसे थे जो दशकों से यहां रह रहे थे।
वीराचामी मरियप्पन: वह तमिलनाडु के तूतीकोरिन के कोविलपट्टी क्षेत्र से रिश्ता रखते थे। 20 से अधिक वर्षों से कुवैत में रह रहे थे।
चिन्नाधुरई कृष्णमूर्ति: तमिलनाडु के कुड्डालोर के रहने वाले कृष्णमूर्ति ने आखिरी बार अपने परिवार के सदस्यों से हादसे वाली रात बात की थी। उसके बाद उनसे कोई संपर्क नहीं हो पाया। उनके एक दोस्त ने बाद में परिवार को आग दुर्घटना के बारे में बताया और बाद में उनकी मौत की पुष्टि हुई।
विमान बाद में जाएगा दिल्ली
बता दें, वायुसेना का सुपर हरक्युलिस विमान कुवैत से 45 शवों को लेकर शुक्रवार को भारत आ चुका है। विमान केरल के कोच्चि में उतरा है, क्योंकि ज्यादातर मृतक वहीं के थे। इसके बाद विमान दिल्ली आएगा। यहां से शव संबंधित राज्यों में भेजे जाएंगे।
इमारत में आग से 49 मजदूरों की हुई थी मौत
बता दें कि दक्षिणी कुवैत के मंगाफ क्षेत्र में 12 जून को एक बहुमंजिला इमारत में भीषण आग लगने से 49 विदेशी मजदूरों की मौत हो गई और 50 अन्य घायल हो गए थे। कुवैत के प्रथम उप प्रधान मंत्री और रक्षामंत्री शेख फहद अल-यूसुफ अल-सबाह ने बताया था कि अधिकारियों ने 48 शवों की पहचान की है, जिनमें से 45 भारतीय और तीन नागरिक फिलिपींस के हैं। उन्होंने कहा था कि एक शेष शव की पहचान करने के प्रयास अभी भी जारी हैं। अधिकारियों ने बताया था कि हादसे में जान गंवाने वाले अधिकांश भारतीय पीड़ित केरल से हैं। केरल के 23 लोगों की जान इस हादसे में गई है।