नेशनल डेस्क: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि देश में केवल कुछ ही लोगों को ‘व्यवस्था’ से फायदा हो रहा है जबक दूसरे लोग करों का भुगतान कर रहे और भूख से उनकी जान जा रही है। अपनी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के तहत छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के उदयपुर में रामगढ़ चौक पर एक सभा को संबोधित करते हुए गांधी ने कहा कि अगर लोग किसी चीज के खिलाफ आवाज उठाते हैं तो उन्हें ईडी, सीबीआई और आईटी की कार्रवाइयों का सामना करना पड़ता है।
देश में नफरत और हिंसा फैलाई जा रही
उन्होंने दावा किया कि हिंसा हो रही है और नफरत फैलाई जा रही है क्योंकि देश में चौबीसों घंटे लोगों के साथ अन्याय हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह इस हद तक हो चुका है कि लोग इसके आदी हो गए हैं और अब उन्हें इसका अहसास भी नहीं है। राहुल गांधी ने कहा, ”आपको (लोगों को) दिन में तीन बार खुद से एक सवाल जरूर पूछना चाहिए कि आपको हर दिन देश के कोष से कितना पैसा मिल रहा है? आपके दिन भर के संघर्ष और प्रयासों के बाद आपको कितना रिटर्न मिल रहा है?
हिंदुस्तान में आदिवासी, दलित, पिछड़ों, अल्पसंख्यक वर्ग की आबादी कुल मिलाकर 88% है।
लेकिन हिंदुस्तान की 200 सबसे बड़ी कंपनियों के मैनेजमेंट में OBC, दलित, आदिवासी वर्ग के एक भी लोग नहीं हैं।
: @RahulGandhi जी
📍 छत्तीसगढ़ pic.twitter.com/yvK1ggwiw9
— Congress (@INCIndia) February 13, 2024
10 दिनों में आपको पता चल जाएगा कि एक सिस्टम आपको धोखा दे रहा है और प्रधानमंत्री इसके शीर्ष पर हैं।” उन्होंने कहा, ‘‘उस व्यवस्था में पिछड़े, दलित और आदिवासी तथा सामान्य वर्ग के गरीबों की 73 प्रतिशत आबादी में से कोई भी व्यक्ति नहीं है। उस व्यवस्था में 100-200 से लेकर 1000-2000 को फायदा हो रहा है और बाकी लोग सिर्फ देख रहे हैं, भूख से मर रहे हैं और जीएसटी का भुगतान कर रहे हैं।” राहुल गांधी ने कहा, ‘‘इसलिए हमने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में न्याय शब्द जोड़ा है।”
विरोध करने पर आती है ED-IT-CBI
इस बीच उन्होंने एक व्यक्ति को अपने वाहन में बैठने के लिए कहा और बताया कि कैसे लोग कथित तौर पर सिस्टम का खामियाजा भुगत रहे हैं।राहुल गांधी ने कहा, ‘‘मान लीजिए कि यह व्यक्ति (आदमी) बाजार जाता है और 2-3 लोग उसका बटुआ चुराने का फैसला करते हैं, तो पहला काम क्या होगा? पहला व्यक्ति (चोर) उसका (आदमी का) ध्यान भटका देगा। इस तरह से आपको (देश में) गुमराह किया जा रहा है। तभी दूसरा व्यक्ति आता है और बटुआ चुरा लेता है। जीएसटी और नोटबंदी एक ही हैं। आखिर में शोर मचाने पर तीसरा शख्स (चोर) आपको दो थप्पड़ मारता है। अगर आप छोटे दुकानदार हैं और असहमति व्यक्त करते हैं तो सीबीआई, आईटी और ईडी आ जाएगी।”