Pink Ball Test: क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारूप को रोचक बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने डे-नाइट टेस्ट (Day-Night Test) का प्रचलन शुरू किया. डे-नाइट टेस्ट को पिंक बॉल (Pink Ball) से खेला जाता है ताकि रात में दुधिया रोशनी में भी खिलाड़ियों को गेंद अच्छी तरह से दिख सके. पहली बार इसका प्रयोग ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड (AUS vs NZ) के बीच 2015 में खेले गए टेस्ट मैच के दौरान हुआ था. उसके बाद से कई डे-नाइट टेस्ट मैच खेले जा चुके हैं, जिसे दर्शकों की अच्छी प्रतिक्रिया भी मिली है लेकिन भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) पिंक बॉल टेस्ट में अपनी दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है. बोर्ड के रवैये को देखते हुए ही भारतीय पुरुष या महिला टीम के घरेलू सत्र में कोई भी पिंक बॉल टेस्ट नहीं खेला जाएगा.
बता दें कि, बीसीसीआई की पिंक बॉल टेस्ट में दिलचस्पी नहीं होने के पीछे के कारण पर बोर्ड के सचिव जय शाह (Jay Shah) ने खुलासा किया है. शाह ने कहा कि वे ऐसे मैचों के पक्ष में नहीं हैं, जो 2-3 दिन के अंदर खत्म हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि प्रशंसकों की इसमें रुचि नहीं है और हमें पिंक बॉल टेस्ट में उनकी दिलचस्पी बढ़ानी होगी. मैच 4-5 दिन चलने की बजाय 2-3 दिन में ही खत्म हो जाते हैं. एक बार जब प्रशंसकों को इसकी आदत हो जाएगी तो हम डे-नाईट टेस्ट का आयोजन कराएंगे. भारतीय पुरुष टीम ने अब तक चार बार पिंक बॉल टेस्ट खेला है, जिसमें उसे तीन में जीत और एक में हार का सामना करना पड़ा है. वहीं, भारतीय महिला टीम ने 2021 में ऑस्ट्रेलिया (IND-W vs AUS-W) के खिलाफ अपना इकलौता पिंक बॉल टेस्ट खेला था, जो ड्रॉ पर समाप्त हुआ था.
गौरतलब है कि एडिलेड में खेले गए पिंक बॉल टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारतीय टीम अपनी दूसरी पारी में महज 36 रन पर ढेर हो गई थी. यह टेस्ट इतिहास में भारत का सबसे कम स्कोर है. ऑस्ट्रेलिया ने इस मैच को आठ विकेट से जीता था. वहीं, 2021 में भारत ने अहमदाबाद में डे-नाईट टेस्ट में इंग्लैंड पर ऐतिहासिक जीत दर्ज किया था. बाएं हाथ के स्पिनर अक्षर पटेल ने मैच में कुल 11 विकेट (6/38 और 5/32) झटके थे. इस टेस्ट में भारतीय स्पिनरों ने कुल 19 विकेट लेकर इंग्लिश टीम को धूल चटाई थी. खास बात यह है कि यह मैच दूसरे दिन ही समाप्त हो गया था, जो 1935 के बाद सबसे छोटा टेस्ट (गेंदों के लिहाज से) मैच था.