Tejashwi Yadav: लालू यादव के दो लाल तेजस्वी और तेज प्रताप के बीच खींचतान की खबरें देखने को मिलती रहती है। एक बार फिर उनके बीच मनमुटाव की खबरें सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि, तेजस्वी और तेज प्रताप में फिर से तल्खियां बढ़ गई है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले इस खींचतान पर विपक्ष को राजद पर हमला करने का मौका मिल गया है। नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने चुटकी लेते हुए पूछा कि, क्या लालू यादव राजनीतिक रूप से अयोग्य हो गए हैं?
हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, मौका जेडीयू नेता मंगनी लाल मंडल को आरजेडी में शामिल कराने का था, जिसके लिए तेजस्वी यादव ने शाम 4:30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी। तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मंगनी लाल मंडल को पार्टी में शामिल कराया और उन्हें पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी देने का ऐलान भी किया। फिर तेजस्वी यादव आरजेडी के प्रदेश कार्यालय में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चैंबर में जाकर बैठ गए। समय 5 बजे से आगे निकल चुका था। इस बीच तेजस्वी के जाने के लिए बैरिकेड तैयार हो गया और 05:30 बजे तेजस्वी यादव गाड़ी में बैठकर निकल गए. तेजस्वी यादव अभी कार्यालय से निकले ही थे कि उनके ठीक दो मिनट बाद तेजप्रताप यादव 05:32 बजे राजद प्रदेश कार्यालय पहुंच गए।
तेजप्रताप यादव को सता रहा ये डर
जानकारी के मुताबिक, तेजप्रताप यादव को शक है कि शनिवार को होने वाली पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में तेजस्वी यादव को बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। ऐसे में अगर तेजस्वी यादव को कोई बड़ी जिम्मेदारी मिलती है तो बड़े भाई तेजप्रताप यादव पार्टी में बौने हो जाएंगे। और तेजप्रताप यादव अपने भाई से सत्ता की चाहत में अपने छोटे भाई के सामने बौने नहीं रहना चाहते हैं। इसीलिए जैसे ही उन्हें पता चला कि तेजस्वी के पार्टी कार्यालय पहुंचने से हंगामा बढ़ गया है, तेजप्रताप भड़क गए।
विपक्ष हुआ हमलावर
राजद की रस्साकशी में विपक्षी पार्टियों को राजनीति करने का मौका मिल गया है। जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक राजद का अंदरूनी मामला है। लेकिन जदयू जानना चाहती है कि क्या लालू यादव थके हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। क्या लालू यादव राजनीतिक रूप से अक्षम हो गए हैं? इस पर भाजपा नेताओं ने भी कटाक्ष किया है। दरअसल, शनिवार को होने वाली राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक काफी अहम मानी जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, इसमें लालू यादव कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं, जिसका असर बिहार विधानसभा चुनाव पर भी पड़ेगा।