नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया और इसे 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। महंगाई को चार प्रतिशत पर लाने और वैश्विक अनिश्चितता के बीच आर्थिक वृद्धि को गति देने के मकसद से नीतिगत दर को यथावत रखा गया है। यह लगातार सातवां मौका है जबकि रेपो दर में बदलाव नहीं किया गया है।
इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने 2024-25 के लिए जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर के सात प्रतिशत पर रहने का अनुमान जताया है। वहीं खुदरा मुद्रास्फीति के 2024-25 में 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा गया है। रेपो वह ब्याज दर है, जिसपर वाणिज्यिक बैंक अपनी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। आरबीआई मुद्रास्फीति को काबू में रखने के लिये इसका उपयोग करता है।